Sunday, September 3, 2017

तुलजापुरवासिनीस्तोत्रम् श्री टेंबेस्वामी रचित

तुलजापुरवासिनीस्तोत्रम्

नमोऽस्तु ते महादेवि शिवे कल्याणि शाम्भवि।

प्रसीद वेदविनुते जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।१।।

जगतामादिभूता त्वं जगत्त्वं जगदाश्रया।

एकाप्यनेकरूपाऽसि जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।२।।

सृष्टिस्थितिविनाशानां हेतुभूते मुनिस्तुते।

प्रसीद देवविनुते जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।३।।

सर्वेश्वरि नमस्तुभ्यं सर्वसौभाग्यदायिनि।

सर्वशक्तियुतेऽनन्ते जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।४।।

विविधारिष्टशमनि त्रिविधोत्पातनाशिनि।

प्रसीद देवि ललिते जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।५।।

प्रसीद करुणासिन्धो त्वत्तः कारुणिको परा।

यतो नास्ति महादेवि जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।६।।

शत्रून्जहि जयं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।

भयं नाशय रोगांश्च जगदम्ब नमोऽस्तु ते।।७।।

जगदम्ब नमोऽस्तु ते हिते जय शम्भोर्दयिते महामते।

कुलदेवि नमोऽस्तु ते सदा हृदि मे तिष्ठ यतोऽसि सर्वदा।।८।।

तुलजापुरवासिन्या देव्याः स्तोत्रमिदं परम्।

यः पठेत्प्रयतो भक्त्या सर्वान्कामान्स आप्नुयात्।।९।।

इति श्री प. प. श्रीवासुदेवानन्दसरस्वतीविरचितं श्रीतुलजापुरवासिन्या देव्याः स्तोत्रं संपूर्णम् ।।

1 comment:

  1. Very nice. Shree Tembe Swami really got some unknown influence to go through.

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